नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी कर सुधार प्रणाली मानी जाने वाली वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को आठ साल पूरे होने वाले हैं। एक जुलाई 2017 को लागू हुए जीएसटी ने देश की कर व्यवस्था को पूरी तरह बदल दिया है। वित्त वर्ष 2024-25 में GST collection रिकॉर्ड 22.08 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है, जो पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 9.4 फीसदी ज्यादा है।
GST collection पर सरकार ने जारी किए आंकड़े
सोमवार को सरकार की ओर से जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2020-21 में यह 11.37 लाख करोड़ रुपये था। पिछले आठ सालों में जीएसटी के तहत पंजीकृत करदाताओं की संख्या 2017 के 65 लाख से बढ़कर 1.51 करोड़ से ज्यादा हो गई है। आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 और वित्त वर्ष 2022-23 में GST collection 20.18 लाख करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2022-23 में 18.08 लाख करोड़ रुपये रहा।
ज्यादा तक वस्तुओं पर होती है लागू
वित्त वर्ष 2021-22 में कुल सकल GST संग्रह 11.37 लाख करोड़ रुपये रहा, जबकि औसत मासिक GST collection 95,000 करोड़ रुपये रहा। इसी तरह वित्त वर्ष 2024-25 में औसत मासिक GST collection 1.84 लाख करोड़ रुपये रहा, जो वित्त वर्ष 2023-24 में 1.68 लाख करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2021-22 में 1.51 लाख करोड़ रुपये रहा।
जीएसटी के मौजूदा ढांचे में चार मुख्य स्लैब जीएसटी के मौजूदा ढांचे में 5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी के चार मुख्य स्लैब हैं। ये दरें देशभर में ज्यादातर वस्तुओं और सेवाओं पर लागू होती हैं। हालांकि, मुख्य स्लैब के अलावा तीन विशेष दरें भी तय की गई हैं।
सरल हुई कर प्रणाली
सोना, चांदी, हीरे और आभूषण पर 3 फीसदी जीएसटी, कटे और पॉलिश किए गए हीरे पर 1.5 फीसदी और कच्चे हीरे पर 0.25 फीसदी जीएसटी लगता है। जीएसटी ने करीब 17 स्थानीय करों और 13 उपकरों को पांच स्तरीय ढांचे में समाहित कर दिया है, जिससे कर प्रणाली सरल हो गई है। अप्रैल 2025 में मासिक GST संग्रह 2.37 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया। मई 2025 में यह 2.01 लाख करोड़ रुपये था। जून के आंकड़े मंगलवार (1 जुलाई, 2025) को जारी किए जाएंगे।