नई दिल्लीः पिछले की दिनों से सोशल मीडिया पर ऐसी खबरें प्रकाशित हो रही हैं कि केंद्र सरकार प्रधानमंत्री जन धन वाले निष्क्रिय खातों को सीज करने वाली है। क्योंकि सरकार को इसको सक्रिय रखने में अच्छा खासा खर्च करना पड़ रहा है। इस बीच वित्तीय सेवा विभाग (DFS) और वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को ऐसे खातों को बंद करने सीज करने की सभी खबरों पर विराम लगा दिया। सरकार ने साफ कर दिया है कि ऐसे किसी भी तरह से के निर्देश जारी नहीं किए गए हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के दावों का खंडन
वित्तीय सेवा विभाग ने बयान जारी कर कहा कि विभाग द्वारा बैंकों से निष्क्रिय प्रधानमंत्री जन धन योजना खातों को बंद करने को नहीं कहा है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि सरकार ने प्रधानमंत्री जन धन योजना (PMJDY) के तहत ऐसे खातों को बंद करने का निर्देश दिया है, जिनमें पिछले 24 महीनों में कोई लेनदेन नहीं हुआ है।
दोबारा होगी केवाईसी
रिपोर्ट्स में कहा गया है कि इन खातों का दुरुपयोग रोकने के लिए सरकार की ओर से यह कदम उठाया जा रहा है। इसके अलावा सरकार ने कहा कि डीएफएस की ओर से एक जुलाई से पूरे देश में जन धन योजना, जीवन ज्योति बीमा योजना और अटल पेंशन योजना को अपनाने के लिए तीन महीने का अभियान शुरू किया गया है।
इस अभियान के दौरान बैंक सभी बकाया खातों की दोबारा केवाईसी भी करेंगे। बयान में आगे कहा गया है कि वित्तीय सेवा विभाग निष्क्रिय PMJDY खातों की संख्या पर लगातार नजर रखता है PMJDY खातों की कुल संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है और निष्क्रिय खातों को बड़े पैमाने पर बंद करने की कोई घटना विभाग के संज्ञान में नहीं आई है।
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PMJDY वेबसाइट से मिली पूरी जानकारी
सरकार ने 28 अगस्त 2014 को इस योजना की शुरुआत की थी। जनधन योजना के जरिए सरकार देश के गरीब और वंचित तबके को बैंकिंग सिस्टम से जोड़ने में सफल रही है। इसके साथ ही सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ भी डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर (DBT) के जरिए सीधे लाभार्थियों तक पहुंचाया जा रहा है। आधिकारिक वेबसाइट से मिली जानकारी के अनुसार PMJDY में अब तक 55.69 करोड़ लाभार्थी हैं। लाभार्थियों के खाते में 2,59,622.39 करोड़ रुपए भी जमा हैं
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