Government Action on UPI Transactions : साइबर धोखाधड़ी रोकने के लिए भारत सरकार ने एक नई पहल शुरू की है। डिजिटल भुगतान प्रणाली, विशेष रूप से UPI ट्रांजैक्शन, को सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से अब कुछ संदिग्ध मोबाइल नंबरों पर यूपीआई लेनदेन पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है। यह निर्णय हाल ही में शुरू किए गए फाइनेंशियल फ्रॉड रिस्क इंडिकेटर (FRI) प्रणाली के तहत लिया गया है।

Government Action on UPI Transactions : FRI सिस्टम क्या है?

FRI (फाइनेंशियल फ्रॉड रिस्क इंडिकेटर) एक अत्याधुनिक सुरक्षा तंत्र है जिसे दूरसंचार विभाग (DoT) ने धोखाधड़ी रोकथाम के लिए तैयार किया है। यह प्रणाली संदिग्ध मोबाइल नंबरों को चिन्हित करने में सक्षम है। यह डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म (DIP) का अभिन्न अंग है जो बैंकिंग और फिनटेक उद्योग को ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाने के लिए एक सुरक्षा कवच प्रदान करता है।

Government Action on UPI Transactions : FRI कैसे काम करता है?

यह सिस्टम तीन स्तरों पर जोखिम का आकलन करता है:

कम जोखिम (Low Risk)

मध्यम जोखिम (Medium Risk)

उच्च जोखिम (High Risk/Very High Risk)

जब कोई मोबाइल नंबर "अत्यधिक जोखिम" (Very High Risk) की श्रेणी में पाया जाता है, तो UPI प्लेटफॉर्म्स (जैसे Paytm, Google Pay, PhonePe) द्वारा उस नंबर पर किया जाने वाला कोई भी भुगतान तुरंत स्वचालित रूप से रोक दिया जाएगा।। इसके साथ ही, लेन-देन करने वाले यूजर को तत्काल एक सूचना (अलर्ट मैसेज) प्राप्त होगा, जिसमें लेनदेन रोके जाने की जानकारी दी जाएगी।

Government Action on UPI Transactions : नम्बर जो माने जाएंगे संदिग्ध

FRI सिस्टम निम्नलिखित आधारों पर मोबाइल नंबरों की जांच करता है:

साइबर अपराध पोर्टल (NCRP) पर दर्ज शिकायतें

मोबाइल नंबर वेरिफिकेशन में अनियमितता

KYC नियमों का उल्लंघन

बैंकों या अन्य वित्तीय संस्थानों द्वारा रिपोर्ट किए गए संदिग्ध नंबर

इन आधारों पर संदिग्ध नंबरों की एक सूची तैयार की जाती है, जिसे बैंकों, NBFCs और UPI ऐप्स के साथ साझा किया जाता है।

MNRL: धोखाधड़ी रोकने की अतिरिक्त व्यवस्था

Government Action on UPI Transactions : सरकार ने मोबाइल नंबर रिवोकेशन लिस्ट (MNRL) भी बनाई है, जिसमें धोखाधड़ी या संदिग्ध गतिविधियों में शामिल पाए गए नंबरों को ब्लॉक किया जाता है। यह सूची बैंकों और डिजिटल भुगतान प्लेटफॉर्म्स को प्रदान की जाती है ताकि भविष्य में इन नंबरों का उपयोग करके कोई लेनदेन न हो सके।

इस पहल के लाभ
रियल-टाइम धोखाधड़ी रोकथाम: संदिग्ध लेनदेन तुरंत ब्लॉक हो जाएंगे।

डिजिटल भुगतान में विश्वास बढ़ेगा।

साइबर अपराधियों पर अंकुश लगेगा।

बैंकों और फिनटेक कंपनियों की सुरक्षा प्रणाली मजबूत होगी।

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