Gold Purity: आज के समय में सोने की खरीदारी करना हर किसी को पसंद होता है जो त्यौहार, शादी या कई अन्य मौके पर इसकी खरीदारी करते हैं, लेकिन इसमें से कई लोग ऐसे रहते हैं जो सोने के शुद्धता (Gold Purity) को लेकर हमेशा कंफ्यूज रहते हैं और उन्हें यह पता नहीं चल पाता है कि सोना कितना खड़ा है या फिर उसमें किसी तरह की कोई मिलावट तो नहीं.

यही वजह है कि सरकार ने हॉलमार्क को लेकर नया कानून बना दिया है जिस कारण अब लोगों को बेवकूफ नहीं बनाया जाएगा और अब इसे 18 और शहरों में लागू कर दिया गया है.

Gold Purity: बिना हॉलमार्क नहीं बेच सकेंगे गहने

सरकार ने ये जो नया नियम लागू किया है, उसके तहत ज्वेलर्स बिना इस नंबर के सोने के गहने नहीं बेच सकेंगे. मिलावटी सोने की ज्वेलरी और टैक्स चोरी को रोकने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है. यानी कि अब हर ज्वेलरी (Gold Purity) पर हॉलमार्क लगाया जाएगा.

यह निशान बीआइएस नंबर न सिर्फ सोने की शुद्धता की गारंटी देगा बल्कि यह भी बताता है कि आपने ज्वेलरी कहां से और कब लिया है, जिसे 11 राज्यों के 18 शहरों में लागू कर दिया गया है और सरकार आने वाले समय में इसे और भी कई जगह पर लागू करेगी. मौजूदा समय में यह बिहार, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, केरल, उड़ीसा, पुडुचेरी, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के 18 जिले शामिल है.

इस तरह करें पहचान

अभी तक देखा जाए तो 40 करोड़ से अधिक सोने के आभूषणों (Gold Purity) की आईडी के साथ हॉलमार्किंग की गई है जिसके साथ अब उपभोक्ताओं का विश्वास बना रहेगा जो 18 कैरेट का सोना होता है उसमें 75% सोना और बाकी के अन्य धातु मिले होते हैं.

24 कैरेट का सोना सबसे शुद्ध होता है लेकिन इसके आभूषण नहीं बनाए जाते. आमतौर पर 22 कैरेट सोने के आभूषण बनते हैं. सोने की कैरेट जैसे-जैसे कम होती हैं, उसकी कीमत और शुद्धता भी कम होने लगती है.

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