इस साल के त्योहारी सीजन में वाहन उद्योग ने नया रिकॉर्ड बनाया। नवरात्र से लेकर धनतेरस और इसके 15 दिन बाद तक के कुल 42 दिनों में देशभर में 42.88 लाख व्हीकल बिके। यह आंकड़ा पिछले साल के 38.37 लाख की तुलना में 11.76% अधिक है। त्योहारी सीजन इस बार 3 अक्तूबर से 13 नवंबर तक चला।

ग्रामीण मांग ने बढ़ाई दोपहिया वाहनों की बिक्री

फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) के मुताबिक, ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ती मांग ने दोपहिया वाहनों की बिक्री को 13.79% बढ़ाकर 33.11 लाख तक पहुंचा दिया। हालांकि, शुरुआत में बाजार में रफ्तार धीमी थी, लेकिन बाद में भारी छूट और त्योहारी माहौल ने बिक्री को बढ़ावा दिया।

यात्री वाहनों की बात करें तो इस सेगमेंट में 7.10% की वृद्धि दर्ज हुई। इस सीजन में कुल 6.03 लाख यात्री वाहन बिके। फाडा का कहना है कि यह बिक्री यात्री व्हीकल निर्माताओं के भंडार को कम कर सकती है।

फाडा के अनुमान के अनुसार, इस सीजन में 45 लाख या उससे अधिक वाहनों की बिक्री का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन दक्षिण भारत में भारी बारिश और बेमौसम चक्रवातों ने इस लक्ष्य को प्रभावित किया। तमिलनाडु और बेंगलुरु के साथ ओडिशा में चक्रवात के कारण बिक्री में गिरावट देखी गई। फाडा ने 2025 की शुरुआत 21 दिन की इन्वेंट्री के साथ करने का लक्ष्य रखा है।

बाजार हिस्सेदारी में बड़ा बदलाव

वाहन निर्माताओं ने उच्च इन्वेंट्री स्तर के कारण डीलरों को सीमित संख्या में व्हीकल भेजे। इसके साथ ही, बिक्री में सुधार लाने के लिए अधिक छूट दी गई। एक रिपोर्ट के अनुसार, मारुति सुजुकी और ह्यूंडई की संयुक्त बाजार हिस्सेदारी 12 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गई है।

दूसरी ओर, महिंद्रा और टोयोटा ने अपनी बाजार हिस्सेदारी में ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज की।

महिंद्रा की हिस्सेदारी 12.5% पर पहुंच गई है, जो अब तक की सबसे ऊंची है। इस बदलाव का कारण ग्राहकों की प्राथमिकताओं में बदलाव और बाजार में बढ़ती प्रतिस्पर्धा है। फाडा के प्रेसीडेंट सीएस विग्नेश्वर ने कहा कि अगले तीन महीनों तक इन्वेंट्री खत्म करने पर ध्यान देना होगा ताकि उद्योग 2025 में नई शुरुआत कर सके।

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