देश में अगले महीने सरकार बजट पेश करेगी. जिसमें किसानों को बड़ा उपहार मिल सकता हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट में किसान क्रेडिट कार्ड(KCC) की ऋण सीमा को 3 लाख से बढ़ा कर 5 लाख रुपये करने की घोषणा कर सकती हैं. सरकार 1 फरवरी के आगामी बजट में किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट 3 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख रुपए करने की तैयारी कर रही है.
केसीसी लिमिट में आखिरी बार बदलाव काफी समय पहले हुआ था, और सरकार को लगातार मांगें मिल रही थीं, इस कदम का उद्देश्य किसानों को सपोर्ट करना और ग्रामीण मांग को बढ़ावा देना है. इसलिए, सरकार केसीसी की लिमिट को बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर सकती है.
1998 में शुरू हुआ था किसान क्रेडिट कार्ड
1998 में शुरू की गई किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत किसानों को अल्पकालिक फसल ऋण 9% ब्याज दर पर दिया जाता है. सरकार 2% ब्याज में छूट देती है, और समय पर कर्ज चुकाने वाले किसानों को 3% की अतिरिक्त छूट मिलती है. इस तरह किसानों को केवल 4% की ब्याज दर पर कर्ज उपलब्ध होता है.
30 जून 2023 तक, इस योजना के तहत 7.4 करोड़ से अधिक सक्रिय खाते थे, जिन पर 8.9 लाख करोड़ रुपये का कर्ज बकाया था. अक्टूबर 2024 तक, सहकारी और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों ने 167.53 लाख केसीसी जारी किए, जिनकी कुल क्रेडिट लिमिट 1.73 लाख करोड़ रुपये थी. इसमें डेयरी किसानों और मत्स्यपालकों के लिए अलग-अलग क्रेडिट लिमिट शामिल हैं.
नहीं हुआ लिमिट में इजाफा :
मीडिया रिपोर्ट में फिनटेक फर्म एडवारिस्क के को-फाउंडर एवं सीईओ विशाल शर्मा के अनुसार खेती की लागत काफी इजाफा हुआ है. इसके विपरीत किसानों को मिलने वाले लोन की लिमिट में काफी समय से कोई इजाफा नहीं हुआ है.
अगर बजट में केसीसी की लिमिट में इजाफा होता है तो एग्री सेक्टर में प्रोडक्शन में इजाफा होगा और एग्री इनकम में भी बढ़ोतरी देखने को मिलगी. जिसकी वजह से किसानों के लाइफ स्टाइल में बदलाव होने के साथ वह समय कर्ज की अदायगी भी कर सकेंगे.
कितनों को जारी हुए क्रेडिट कार्ड :
शाजी केवी ने बताया कि इस कैंपेन और ग्रामीण वित्तीय संस्थानों को शामिल किया गया हैं. इसके साथ ही राज्य सरकारों को मत्स्यपालकों के रजिस्ट्रेशन करने के लिए भी प्रोस्साहित किेया जा रहा है. किसानों का रजिस्ट्रेशन होने के बाद बैंकों को लोन के देने के लिए कहा जा सकता है.
नाबार्ड के डाटा के मुताबिक अक्टूबर 2024 तक को—ऑपरेटिव बैंकों और रीजनल रूरल बैंकों की ओर से 167.53 लाख किसान क्रेडिट कार्ड जारी किए थे. जिनकी कुल क्रेडिट लिमिट 1.73 लाख करोड़ रुपए थी. डेरी किसानों को 11.24 लाख कार्ड जारी किए गए थे, जिनकी लिमिट 10,453.71 करोड़ रुपए थी. जिनमें से 65,000 किसान क्रेडिट कार्ड मत्स्यपालकों को जारी हुए थे, जिनकी लिमिट 341.70 करोड़ रुपए थी.