भारत समेत कई देशों में बैन हो चुके Chinese App TikTok की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अमेरिका में इसे 6 महीनों की राहत मिली है तो वहीं अब यूरोपियन यूनियन ने ने टिकटॉक पर 53 मिलियन यूरो यानी लगभग 600 मिलियन डॉलर का जुर्माना लगाया है। कहा जा रहा है कि यह अब तक सबसे बड़े और भारी-भरकम जुर्मानों में से एक है। आइए जानते हैं कि TikTok पर यूरोपियन यूनियन ने क्यों ये कार्रवाई की है।
चीन में रखा था यूरोप का डेटा
Chinese App TikTok पर भारी-भरकम जुर्माने की कार्रवाई के पीछे बताया जा रहा है कि वह यूरोप के लोगों का निजी डेटा चीन को भेज रहा था। आयरलैंड में डेटा की सुरक्षा की निगरानी करने वाली संस्था का कहना है कि जांच के दौरान टिकटॉक ने यह स्वीकार किया है कि उसने यूरोप के TikTok Users का डेटा चीन में स्टोर किया था। हालांकि, पहले वह इससे इंकार किया करता था।
जांच के बाद लगा जुर्माना
एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक, यूरोपियन एजेंसी द्वारा टिकटॉक पर लगाया गया जुर्माना अब तक के सबसे भारी जुर्मानों में से एक है। एजेंसी ने प्लेटफॉर्म पर यह जुर्माना डेटा ट्रांसफर करने की कानूनी वैधता की जांच करने के बाद लगाया है। चूंकि, टिकटॉक का मुख्य ऑफिस यूरोप के आयरलैंड में स्थित है। इस वजह से आयरलैंड की एजेंसी ही यूरोप में टिकटॉक सहित बड़ी कंपनियों के लिए नियम-कायदे बनाती है और चूक होने पर जुर्माना भी लगाती है।
इसको लेकर डीपीसी के कमिश्नर ने कहा कि टिकटॉक यह साबित करने में विफल रहा है कि उसके चीन में बैठे कर्मचारी यूरोपियन यूजर्स के डेटा को उतना ही सुरक्षित रखते हैं, जितना वह यूरोप में रहता है। यहीं नहीं China में कई कानून ऐसे लागू हैं, जिससे चीनी सरकार कभी भी यूजर्स के डेटा तक पहुंच सकती है। इसको चाइनीज ऐप टिकटॉक ने भी स्वीकार किया है कि चीन के कानून यूरोप के कानून से काफी अलग हैं।
TikTok ने कहा, करेंगे अपील
यूरोपियन यूनियन द्वारा 53 मिलियन यूरो के भारी-भरकम जुर्माने के बाद Chinese App ने कहा कि वह इस फैसले के खिलाफ अपील करेगा। कहा है कि उन्हें कभी भी चीन के अधिकारियों से यूरोपियन यूजर्स के डेटा के लिए कोई अनुरोध नहीं मिला है।
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