आम आदमी के लिए बचत का सबसे तरीका EPFO होता है। जो हर महीने उनकी सैलरी से कटता है और वह उनकी बचत बन जाती है। यही कारण है कि नौकरीपेशा लोगों के लिए प्रोविडेंट फंड (EPFO) उनकी बचत का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। साल 2024 में EPFO से जुड़े कई बदलाव देखने को मिले, लेकिन 2025 के आगमन के साथ और भी सुधारों की उम्मीद की जा रही है। इन बदलावों का मुख्य उद्देश्य EPFO से जुड़ी प्रक्रियाओं को आसान और पारदर्शी बनाना है। आइए जानते हैं नए साल में संभावित बदलाव और उनके प्रभाव के बारे में।

अब ATM कार्ड से निकाल सकेंगे EPFO का पैसा

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, EPFO जल्द ही एक ऐसा एटीएम कार्ड जारी करने की योजना बना रहा है, जिससे सदस्य किसी भी समय अपने ईपीएफ खाते से पैसे निकाल सकेंगे। यह बदलाव अगले साल लागू हो सकता है। इस सुविधा के आने से ईपीएफ निकासी प्रक्रिया तेज और सरल हो जाएगी, जिससे आपातकालीन जरूरतों में भी आसानी होगी।

पूरी सैलरी पर EPF योगदान की योजना

वर्तमान में ईपीएफ में सिर्फ 15,000 रुपये तक की बेसिक सैलरी पर ही योगदान किया जाता है। लेकिन सरकार अब ऐसी व्यवस्था लाने की सोच रही है, जिसमें कर्मचारी अपनी पूरी सैलरी के हिसाब से ईपीएफ में निवेश कर सकें। उदाहरण के तौर पर, अगर किसी की बेसिक सैलरी 1 लाख रुपये है, तो वह 24,000 रुपये (कर्मचारी और नियोक्ता का मिलाकर) हर महीने जमा कर सकेगा। इससे भविष्य के लिए बचत को बढ़ावा मिलेगा।

ETF से अधिक रिटर्न का मिल सकेगा

ईपीएफओ की ओर से जमा राशि को विभिन्न क्षेत्रों में निवेश किया जाता है। इनमें से एक है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF)। अब EPFO यह विचार कर रहा है कि ईटीएफ से कमाए गए लाभ का एक हिस्सा फिर से शेयर बाजार या अन्य क्षेत्रों में लगाया जाए। इससे ईपीएफ की बचत पर ब्याज दरें बढ़ने की संभावना है, जो भविष्य में लाभकारी हो सकता है।

सेंट्रलाइज्ड पेंशन पेमेंट सिस्टम (CPPS) बनेगा

सितंबर 2024 में केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया ने CPPS को मंजूरी दी। इस सिस्टम के तहत 78 लाख पेंशनभोगी देश में किसी भी बैंक शाखा से पेंशन ले सकेंगे। पहले यह सुविधा केवल चुनिंदा बैंकों की शाखाओं तक सीमित थी। इस कदम से पेंशनरों को बड़ा लाभ मिलेगा।

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