RBI New Rule On EMI: समय-समय पर आरबीआई (RBI) बैंकों और वित्तीय संस्थानों को लेकर अलग-अलग नियम और शर्तें जारी करती है, ताकि जितना हो सके लेनदेन में प्रदर्शित हो. अब 1 तारीख से आरबीआई ने EMI भरने वाले लोगों के लिए एक नया नियम जारी कर दिया है और बताया गया है कि 1 जनवरी से बदली गई निष्पक्ष उधारी प्रणाली बैंकों और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों को रेवेन्यू ग्रोथ के लिए कर्ज चुका लोन डिफॉल्ट पर दंडात्मक शुल्क लगाने से रोकेगी.

1 तारीख से बैंक या एनबीएफसी के लिए गए लोन के डिफॉल्ट होने पर जुर्माने से जोड़ा नया नियम लागू होगा. इससे पहले पिछले साल 18 अगस्त को आरबीआई द्वारा नियमों में संशोधन किया गया था.

RBI ने लागू किया ये नियम

इससे पहले यह देखा गया था कि आरबीआई ने जो नियमों में संशोधन किया था, जो बैंकों और एनबीएफसी को सिर्फ उचित डिफॉल्ट चार्ज लगाने की अनुमति देता था. बैंक और एनबीएफसी के साथ RBI द्वारा नियंत्रित अन्य संस्थाओं को 3 महीने का विस्तार दिया गया है, जो कि अप्रैल तक चलेगा.

आरबीआई (RBI ) के इस नए नियम से ग्राहकों के हितों की रक्षा होगी और वित्तीय संस्थानों की कार्य प्रणाली में भी पारदर्शिता आएगी. हालांकि आरबीआई ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि दंडात्मक शुल्क केवल भुगतान शुल्क वाली राशि पर ही लगाया जा सकेगा.

ग्राहकों को खुद भी होना होगा सावधान

आरबीआई (RBI) के इस नए गाइडलाइंस से लोन धारकों को बहुत बड़ी राहत मिलेगी, जिसका उद्देश्य है कि वित्तीय संस्थाओं द्वारा लगाए जाने वाले अनावश्यक और अत्यधिक दंडात्मक शुल्क रोकी जाए. आइबीएल और एनईएसएल एक सिस्टम बना रहे हैं जो लोन (EMI) नहीं चुकाने वालों को जल्द से डिफॉल्ट घोषित करेगा.

इस वक्त भारत में देखा जाए तो 10 से 100 करोड रुपए के बीच के लोन में डिफॉल्ट की दर सबसे अधिक है. आपको बता दे कि आरबीआई की इस नई गाइडलाइन के बावजूद ग्राहकों को खुद भी सावधानी बरतनी चाहिए. जो लोन लेते हैं उन्हें यह सूचना चाहिए की जरूरत से अधिक लोन ना ले ताकि चुकाने में कठिनाई न हो और ईएमआई (EMI) का समय पर भुगतान करते रहे.

ALSO READ:Subsidy On Home Loan: होम लोन पर सरकार दे रही 2.67 लाख की सब्सिडी, ऐसे करे अप्लाई