भारतीय बाजार में Electric Cars का मार्केट काफी तेजी से बूस्ट कर रहा है और लोग Diesel/Petrol की बढ़ती कीमतों के चलते इसकी ओर शिफ्ट कर रहे हैं। हालांकि, इस बीच तमाम ग्राहक Hybrid Cars को भी काफी पसंद कर रहे हैं। अगर आप भी नई कार खरीदने का प्लान कर रहे हैं और Electric Car Vs Hybrid Car को लेकर कन्फ्यूजन में है तो हम आपको कुछ मुख्य अंतर बताने वाले हैं, जिससे आप इन दोनों के बीच बेस्ट ऑप्शन को चूज कर सकते हैं।

Electric Car Vs Hybrid Car: पावरट्रेन एंड टेक्नोलॉजी

Electric Car Vs Hybrid Car में पावरट्रेन और टेक्नोलॉजी की बात करें तो इलेक्ट्रिक कार पूरी तरह बैटरी और इलेक्ट्रिक मोटर पर चलती है। यह ईको-फ्रेंडली मानी जाती हैं। इसके अलावा हाइब्रिड कार्स पेट्रोल/डीजल और इलेक्ट्रिक मोटर के कॉम्बिनेशन से चलती हैं। यह माइल्ड हाइब्रिड, स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड और प्लग-इन हाइब्रिड में आती हैं। इस तरह यह पूरी तरह ईको-फ्रेंडली नहीं है।

माइलेज/रेंज

Electric Car Vs Hybrid Car के बीच माइलेज की बात करें तो इलेक्ट्रिक कार रेंज के मामले में अभी बहुत बेहतर नहीं और लंबी रनिंग के दौरान थोड़ी परेशानी हो सकती है। इसकी रनिंग कास्ट बिजली की कीमत और चार्जिंग इन्फ्रा पर डिपेंड करती है। हाइब्रिड कारें पेट्रोल/डीजल इंजन के साथ इलेक्ट्रिक मोटर का उपयोग करके नॉन-हाइब्रिड कारों की तुलना में बेहतर फ्यूल एफिशिएंसी देती हैं।

यह माइलेज में भी बेहतर साबित हो सकती हैं। वर्तमान समय में मार्केट में हाइब्रिड कारों के रूप में टोयोटा इनोवा हाईक्रॉस और मारूति ग्रैंड विटारा हाइब्रिड मौजूद है, जिसको लेकर कंपनियों का दावा है कि यह 28 किलोमीटर प्रति लीटर का Mileage देती हैं।

कौन है अधिक ईको-फ्रेंडली

Electric Car Vs Hybrid Car के बीच ईको-फ्रेंडली की तुलना करें तो इलेक्ट्रिक कारें जीरो टेलपाइप एमिशन के कारण इनवायरमेंट के लिए सबसे बेहतर मानी जाती हैं और सरकार का भी पूरा जोर इसे बढ़ावा देने पर है। हालांकि, अप्रत्यक्ष तौर पर इलेक्ट्रिक व्हीकल्स से भी प्रदूषण होता है क्योंकि बिजली का उत्पादन कोयल और अन्य जीवाश्म ईंधनों पर ही निर्भर करता है। इसके अलावा हाइब्रिड कारें डीजल/पेट्रोल इंजन के साथ आती हैं, जो कि ईवी की तुलना में अधिक प्रदूषण करती हैं।

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