नई दिल्लीः Domestic retail market में खाद्य तेल (Edible Oil) की कीमत में आने वाले हफ्त में गिरावट आ सकती है, क्यकि रिफाइनर लागत में कटौती का लाभ ग्राहक को दे रहे हैं। Global price hike और मुद्रा अवमूल्यन के कारण 2025 की पहली छमाही में Edible Oil की कीमत में गिरावट देखी गई। CareAge द्वारा मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 30 मई को सरकार द्वारा सीमा शुल्क में कटौती के कारण Edible Oil की कीमत में गिरावट आने की संभावना है।
Edible Oil MRP अपडेट करने के निर्देश
उपभोक्ता मामल के मंत्रालय ने Edible Oil कंपनिय को अपने अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) और वितरक को मूल्य (पीटीडी) दर पर साप्ताहिक अपडेट को कम करने के निर्देश भी जारी किए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि मई में खाद्य मुद्रास्फीति घटकर 2.8 प्रतिशत रह गई और भारत मौसम विज्ञान विभाग ने सामान्य से अधिक मजबूत मानसून का अनुमान लगाया है, इन घटनाक्रम से सामूहिक रूप से Edible Oil की खुदरा कीमत में गिरावट की प्रवृत्ति में तेजी आने की उम्मीद है।
Raw और Refined के बीच बढ़ा अंतर
रिपोर्ट में कहा गया है कि कच्चे और परिष्कृत Edible Oil के बीच शुल्क अंतर में वृद्धि से घरेलू रिफाइनर की प्रतिस्पर्धात्मकता भी बढ़ेगी। कच्चे पाम तेल पर मूल सीमा शुल्क अब घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया है और परिष्कृत Edible Oil पर सीमा शुल्क 32.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित बना हुआ है, जिससे Raw और Refined Edible Oil के बीच सीमा शुल्क का अंतर 8.25 प्रतिशत से बढ़कर 19.25 प्रतिशत हो गया है।
Raw Edible Oil के आयात को प्राथमिकता
Revised Customs Duty Structure से प्रमुख खिलाड़िय को लाभ होने की उम्मीद है क्यकि इससे रिफाइनर रिफाइंड तेल की तुलना में Raw Edible Oil के आयात को प्राथमिकता देंगे। इससे क्षमता उपयोग में सुधार होगा और Home Processing में वृद्धि के माध्यम से Refining Margin में वृद्धि होगी। भारत Edible Oil का दुनिया का सबसे बड़ा आयातक है।
देश अपनी जरूरत का 55-60 प्रतिशत इंडोनेशिया और मलेशिया से आयात करता है। तेल वर्ष 2023-24 में, भारत ने 15.96 मिलियन टन (एमटी) Edible Oil का आयात किया है। इसमें से पाम तेल की हिस्सेदारी 55 प्रतिशत थी, जबकि शेष सोयाबीन और सूरजमुखी तेल की थी।