30 May, 2025
BY: Komalतांबे के बर्तन में रखा पानी पीना हमारी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। आयुर्वेद के अनुसार, जब पानी को तांबे के बर्तन में 8 से 10 घंटे तक रखा जाता है, तो तांबे के सूक्ष्म कण उसमें घुल जाते हैं और यह 'ताम्र जल' बन जाता है।
यह पानी शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है और खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करता है, जिससे हृदय रोगों का खतरा कम होता है।एनआईएच की नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन द्वारा 2012 में प्रकाशित एक अध्ययन रिपोर्ट में 'ताम्र जल' का जिक्र किया गया है।
यह अध्ययन यह पता लगाने के लिए किया गया था कि 'ताम्र जल' कितना प्रभावी है। इसमें पाया गया कि तांबे में रखा पानी ई. कोली बैक्टीरिया को पनपने नहीं देता, उन्हें मार देता है।वैज्ञानिकों ने पाया कि तांबे में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल और एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो हमारे शरीर को भीतर से साफ करने का काम करते हैं।
वैज्ञानिकों ने अपने शोध में पाया है कि तांबे में कीटाणुओं को मारने की शक्ति होती है। अगर पानी को कुछ घंटों के लिए तांबे के बर्तन में रखा जाए, तो इसमें मौजूद कुछ हानिकारक बैक्टीरिया मर सकते हैं।
आयुर्वेद के अनुसार तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने से खून साफ होता है और कोलेस्ट्रॉल का स्तर नियंत्रित रहता है। जब कोलेस्ट्रॉल सही स्तर पर रहता है तो दिल की बीमारियों का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है।
इससे ब्लॉकेज, हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट अटैक जैसी समस्याएं नहीं होती हैं। इसके अलावा तांबे का पानी पाचन तंत्र को भी मजबूत बनाता है, जिससे खाना अच्छे से पचता है और शरीर को पूरा पोषण मिलता है।
इससे दिल तो मजबूत होता ही है, साथ ही पूरे शरीर की कार्यप्रणाली भी संतुलित रहती है। आज के समय में जब दिल की बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं, ऐसे में यह प्राकृतिक उपाय काफी काम आ सकता है। यह सस्ता, सुरक्षित और वैज्ञानिक रूप से सिद्ध तरीका है, जिसके फायदे ज्यादा हैं।
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