Gold एक ऐसी धातु है, जो कभी भी अपना मूल्य नही खोती है। इस वजह से वर्तमान समय में ही नहीं, बल्कि दशकों से दुनिया भर के देश सोने के भंडार को अपनी सबसे बड़ी पूंजी मानते रहे हैं।
इस समय जिस तरीके से पूरी दुनिया में उथल-पुथल मची हुई है, उस बीच Gold Price भी ऑल टाईम हाई पर पहुंच गई हैं। भारत में लगातार साल दर साल अपने सोने के भंडार में बढ़ोत्तरी कर रहा है। आइए जानते हैं कि क्यों सोने के पीछे दुनिया पागल है और किस तरह यह निवेश के लिए सबसे सुरक्षित मुद्रा मानी जाती है।
Gold की कीमतों में 10 फीसदी का उछाल
साल 2025 में अभी केवल 40 दिन ही बीते हैं लेकिन सोने की कीमतें ऑल टाईम हाई पर पहुंच गई है। इसकी कीमतों में 10 फीसदी का उछाल आया है। बीते सोमवार को भी सोने की कीमत 1.5 फीसदी बढ़ गई और एक रिकॉर्ड कायम किया।
दरअसल, अधिकतर देश सोने की जमकर खरीदारी कर रहे हैं और अपने Gold Reserves को बढ़ा रहे हैं। जिसके पीछे वजह यह मानी जा रही है कि लगातार दुनिया के तमाम देशों के बीच युद्ध चल रहा है, अमेरिका में ट्रंप की वापसी के बाद अस्थिर व्यापारिक नीतियों व महामारी के वापस आने के डर के चलते देश अपने आपको आर्थिक तौर पर मजबूत करना चाह रहे हैं।
दुनिया के सेंट्रल बैंक जमकर खरीद रहे Gold
दुनिया में मची उथल-पुथल के बीच तमाम देशों के केंद्रीय बैंक जमकर सोने की खरीदारी कर रहे हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले तीन साल से दुनिया के Central Banks ने करीब 1,000 टन Gold की खरीदारी की।
साल 2024 में दुनिया के बैकों ने 1,045 टन सोने की खरीद की थी। सोने की खरीदारी में नंबर वन देश पोलैंड, दूसरे नंबर पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBi) और तीसरे नंबर पर सेंट्रल बैंक ऑफ तुर्की रहा। चीन ने 2024 में 34 टन सोने की खरीद की थी। इससे पहले साल 2023 में बैंकों ने 1,037 टन सोने की खरीद की थी।
RBI भी जमकर खरीद रहा सोना
वैश्विक अस्थिरता को देखते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) भी अपने सोने के भंडार में लगातार बढ़ोत्तरी कर रहा है। 2024 में RBI ने 72.6 टन सोना खरीदा था। आरबीआई के पास नवीनतम स्टॉक की बात करें तो दिसंबर 2024 तक यह कुल 876.18 टन था। इसकी कीमत 66.2 बिलियन डॉलर थी। एक साल पहले इसी अवधि में यह 803.58 टन था, जिसकी कीमत 48.3 बिलियन डॉलर थी।
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