हाल ही में अमेरिका में हुए राष्ट्रपति चुनावों में डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की जीत के बाद क्रिप्टोकरेंसी बाजार में भारी उछाल देखने को मिला। बिटकॉइन (Bitcoin) ने रिकॉर्ड ऊंचाई को छुआ और 90,000 डॉलर के करीब पहुंच गया। वैश्विक निवेशकों के बीच बिटकॉइन के प्रति बढ़ती दिलचस्पी ने इसे एक बड़ा एसेट बना दिया है।
क्रिप्टोकरेंसी बनी निवेशकों की पसंद
डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद बिटकॉइन में तेजी का सिलसिला जारी है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बिटकॉइन का मार्केट कैपिटलाइजेशन 1.752 ट्रिलियन डॉलर को पार कर गया है, जिससे यह दुनिया का आठवां सबसे बड़ा एसेट बन गया है। इस तेज़ी ने निवेशकों को आकर्षित किया है, लेकिन इसके कानूनी पहलुओं को लेकर अब भी कई सवाल खड़े हैं।
इन 15 दिनों में क्रिप्टोकरेंसी बाजार में इथेरियम (Ethereum) और डॉगकॉइन (Dogecoin) जैसे विकल्पों ने भी जबरदस्त रिटर्न दिया है। जहां बिटकॉइन में 34% का उछाल देखा गया, वहीं इथेरियम ने 28% और डॉगकॉइन ने 138% का लाभ दिया।इन 15 दिनों में डॉगकॉइन ने निवेशकों को सबसे ज्यादा रिटर्न दिया है। 4 नवंबर को इसकी कीमत 13.61 रुपये थी, जो अब बढ़कर 32.43 रुपये हो गई है। इसने 138% रिटर्न के साथ निवेशकों को मालामाल कर दिया।
सोना और शेयर बाजार में गिरावट
क्रिप्टोकरेंसी की तेज़ी के विपरीत, सोने और शेयर बाजार में गिरावट दर्ज की गई है। 4 नवंबर को MCX पर सोने की कीमत 78,669 रुपये प्रति 10 ग्राम थी, जो अब घटकर 75,608 रुपये हो गई। इस दौरान इसमें लगभग 3.90% (3061 रुपये) की गिरावट आई।
वहीं, सेंसेक्स ने भी 1% की गिरावट झेली। 4 नवंबर को यह 78,232 के स्तर पर था, जो अब 77,515 पर आ गया है। ऐसे में पारंपरिक निवेश माध्यमों में आई यह गिरावट निवेशकों को क्रिप्टोकरेंसी की ओर खींच रही है।
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