Crisis Of Online Gaming : महाराष्ट्र में ऑनलाइन गेमिंग एक गंभीर सामाजिक संकट बनता जा रहा है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हाल ही में विधानसभा में इस मुद्दे पर चिंता जताई और केंद्र सरकार से सख्त नियमों की मांग की। उनका कहना है कि ऑनलाइन गेमिंग की लत युवाओं को आर्थिक तबाही, मानसिक तनाव और यहां तक कि आत्महत्या तक धकेल रही है।

Crisis Of Online Gaming : विधायकों ने सदन में रखे चौंकाने वाले मामले

विधानसभा में सभी दलों के विधायकों ने अपने-अपने क्षेत्रों से ऐसी कई दर्दनाक घटनाओं का जिक्र किया जहां युवाओं ने ऑनलाइन गेमिंग की आदत के चलते अपना सब कुछ गंवा दिया। शिवसेना विधायक कैलाश पाटिल ने एक ऐसे ही मामले का उल्लेख किया जिसमें एक व्यक्ति ने ऑनलाइन गेमिंग की लत के कारण अपनी 3 एकड़ जमीन और घर तक बेच डाला। कर्ज में डूबने के बाद उसने अपनी गर्भवती पत्नी और दो साल के बेटे की हत्या कर दी, फिर खुद भी आत्महत्या कर ली।

पाटिल ने मार्मिक ढंग से कहा

"हमने डांस बार पर प्रतिबंध लगाकर युवाओं को बचाया था, अब ऑनलाइन गेमिंग पर भी ऐसा ही सख्त कदम उठाना होगा"

Crisis Of Online Gaming : कौन करेगा नियमन? राज्य या केंद्र?

मुख्यमंत्री फडणवीस ने स्पष्ट किया कि ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म्स पर राज्य सरकार का सीधा नियंत्रण नहीं है क्योंकि ये अक्सर विदेशी सर्वरों पर होस्ट होते हैं। उन्होंने कहा, 'ऐसे मामलों में केंद्र सरकार ही कार्रवाई कर सकती है। हमने आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव से इस मुद्दे पर चर्चा की है और केंद्र इसे गंभीरता से ले रहा है।'

Crisis Of Online Gaming : सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट पर सवाल

विधायकों ने ऑनलाइन गेमिंग को बढ़ावा देने वाले सेलिब्रिटी प्रचारों पर भी सवाल उठाए। NCP (SP) के विधायक अभिजीत पाटिल ने कहा कि फिल्म और खेल जगत के कई बड़े नाम इन गेमिंग ऐप्स का प्रचार कर युवाओं को गुमराह कर रहे हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने भी सेलिब्रिटीज से ऐसे विज्ञापन करने से बचने की अपील की।

राज्य सरकार की तैयारियां

महाराष्ट्र सरकार ऑनलाइन गेमिंग से जुड़े साइबर अपराधों को रोकने के लिए एक मजबूत कानूनी ढांचा बनाने पर काम कर रही है। राज्य के गृह मंत्री योगेश कदम ने बताया कि नए नियमों से गेमिंग प्लेटफॉर्म्स की जवाबदेही तय होगी।

भविष्य की राह:

  • केंद्र और राज्य सरकार का समन्वित प्रयास
  • युवाओं में जागरूकता अभियान
  • गेमिंग कंपनियों पर सख्त नियम

यह संकट सिर्फ महाराष्ट्र तक सीमित नहीं है। पूरे देश में ऑनलाइन गेमिंग के खतरों को लेकर चर्चा तेज हो रही है। तमिलनाडु और कर्नाटक जैसे राज्य भी इस दिशा में नियामक ढांचा बना रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार, समाज और परिवार - तीनों को मिलकर इस लत से निपटना होगा।

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