Credit Card Rule: आज के समय में देखा जाए तो क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है जो आज के समय में लोगों को वित्तीय लेनदेन में काफी ज्यादा सहूलियत प्रदान कर रहा है, लेकिन यह बात भी सच है कि क्रेडिट कार्ड (Credit Card Rule) का इस्तेमाल करने वाले लोगों के ऊपर जिम्मेदारी बढ़ जाती है.
अगर आप देश का इस्तेमाल करते हैं तो यह खबर पूरी तरह से आपके लिए है, जहां इस वक्त सुप्रीम कोर्ट ने क्रेडिट कार्ड ब्याज पर 30% की सीमा हटाकर अब बैंकों को 50% तक ब्याज वसूलने की छूट देती है. अगर आप क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो उसका बिल समय पर भरने की आदत डालें.
Credit Card Rule: सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया यह फैसला

सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग द्वारा क्रेडिट कार्ड ब्याज पर लगाई गई 30% की ऊपरी सीमा को खारिज कर दिया है. इससे बैंकों को उपभोक्ता से 50% तक ब्याज दर वसूलने का अधिकार मिल गया है. हालांकि आयोग ने इस बात को भी माना है कि अन्य देशों में ब्याज दरें भारत के मुकाबले काफी कम है.
इस फैसले को क्रेडिट कार्ड (Credit Card Rule) उपयोगकर्ताओं के लिए एक चेतावनी मानी जा रही है. अगर अब आपने समय पर भुगतान नहीं किया तो ज्यादा ब्याज दर चुकाना पड़ सकता है क्योंकि अब बैंकों के पास कानूनी रूप से ये अधिकार मिल चुका है कि वह 50% तक ब्याज आपसे वसूले.
पहले आयोग ने दी ये दलील

आपको बता दे की 2008 में अपने एक फैसले के दौरान राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने यह कहा था की क्रेडिट कार्ड (Credit Card Rule) पर 36% से 50% सालाना ब्याज लेना अनुचित और उपभोक्ता के प्रति गलत व्यावसायिक प्रथा है. उस वक्त आयोग ने बैंकों के लिए ब्याज दर को अधिकतम 30% तक सीमित कर दिया था.
बैंकों ने कोर्ट में इस बारे में दलिल देते हुए कहा है कि क्रेडिट कार्ड जब जारी की जाती है तो उपभोक्ता सभी शर्तों को पढ़कर ही अपनी सहमति देते हैं. अगर वह शर्तों से सहमत नहीं होते तो वह क्रेडिट कार्ड सेवा को अस्वीकार कर सकते हैं.
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