भारत की तरक्की को देखकर चीन हमेशा जलता रहता है और वह कोई ना कोई काम ऐसा करता है, जिससे भारत की तरक्की बाधित भारत के तेजी से बनते ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग हब पर ब्रेक लगाने के लिए चीन ने Rare Earth Material की सप्लाई रोक दी थी लेकिन अब यह उसी के देश की कंपनियों के लिए मुसीबत बन गया है। भारत में काम कर रही चीनी कंपनियां भी इससे पूरी तरह प्रभावित हैं और उनका उत्पादन भी ठप होने की स्थिति में है।
सबसे अधिक उत्पादन करता है चाइना
Rare Earth Material के उत्पादन के मामले में चीन दुनिया में सबसे अव्वल है। यह इस एलिमेंट का सबसे बड़ा उत्पादक और प्रोसेसर है। यह पूरी दुनिया के देशों में करीब 60 से 70% सप्लाई और गरीब 90 प्रतिशत प्रोसेसिंग का काम करता है। भारत में भी इस पदार्थ की Supply चीन से 90% तक होती है, ऐसे में इसकी सप्लाई चेन बाधित होने से ऑटोमोबाइल कंपनियों की मुसीबत बढ़ गई है।
JSW MG Motor की बढ़ी मुसीबत
China से गहरा नाता रखने वाली JSW MG Motor भारत में बड़े पैमाने पर काम करती है और Rare Earth Material की सप्लाई बाधित होने का उस पर भी गहरा असर पड़ रहा है। जेएसडब्ल्यू एमजी मोटर का कहना है कि उस पर भी इस एलिमेंट की सप्लाई बाधित होने का उतना ही असर पड़ रहा है, जितना अन्य भारतीय ऑटोमोबाइल कंपनियों पर पड़ रहा है।
कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर अनुराग मेहरोत्रा की मानें तो SAIC Motor के साथ चीन का कनेक्शन उन्हें कोई खास फायदा नहीं देता। बता दें कि चीन की सरकारी कंपनी SAIC Motor के पास ब्रिटिश आटोमोटिव ब्रांड एमजी मोटर स्वामित्व है। दरअसल, 2007 में SAIC कंपनी ने नानजिंग ऑटोमोबाइल कॉरपोरेशन को खरीदने के बाद इस ब्रांड का की अधिग्रहण किया था, जिसने पहले इस ब्रांड को बंद हो चुके एमजी रोवर ग्रुप से खरीदा था।
सप्लाई में कोई दिक्कत नहीं
Rare Earth Material को लेकर MG के एक अधिकारी ने कहा कि कंपनी इस पर काफी पैनी नजर रख रही है और इसकी सप्लाई में कोई बड़ी दिक्कत नहीं आ रही है। हालांकि उन्होंने कहा कि आने वाले कुछ महीनों में अगर स्थिति ऐसी ही बनी रहती है, तो Auto Industry को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। कहा कि अभी कंपनी को वही पुर्जे मिले रहे हैं, जो अप्रैल महीने में आर्डर किए थे। उन्होंने कहा कि यह समस्या केवल इलेक्ट्रिक व्हीकल तक सीमित नहीं है बल्कि यह डीजल और पेट्रोल गाडियां के प्रोडक्शन को भी बुरी तरह प्रभावित कर रही है।
नहीं रुकेगा प्रोडक्शन
MG Motor का कहना है कि Rare Earth Material की कमी उसके उत्पादन में कोई बड़ी बाधा नहीं डाल पाएगा। हालांकि, कंपनी आने वाले हालात पर करीबी से नजर रख रही है। यह मुद्दा इंडस्ट्री लेवल पर काफी सीरियसली लिया जा रहा है और कंपनियों का संगठन सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा है। इसका मकसद है कि पैसेंजर व्हीकल कमर्शियल व्हीकल या टू व्हीलर का किसी भी तरह से उत्पादन प्रभावित न हो।
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चार महीनों से लागू है Rare Earth Material पर प्रतिबन्ध
Rare Earth Material सप्लाई बाधित होने से भारत की इलेक्ट्रिक दो पहिया वाहन निर्माता कंपनियों की मुसीबत काफी ज्यादा बढ़ गई है। कंपनियों का कहना है कि पिछले 4 महीना से यह प्रतिबंध लागू है और आप हमारे पास काफी सीमित स्टॉक बचा हुआ है।
Ather Energy, Bajaj Auto और TVS Motor आप अपनी गाड़ियों का उत्पादन कम करने जा रही हैं कहा जा रहा है कि बजाज ऑटो करीब 50% तक अपने प्रोडक्शन क्षमता को काम करने की योजना बना रहा है, वहीं इधर एनर्जी भी 8 से 10% तक उत्पादन को घटा सकती है।
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