भारत की ओर रही तेज आर्थिक तरक्की से चीन को काफी मिर्ची लग रही है और वह एक के बाद एक अड़ंगे लगाकर भारत को रोकना चाहता है। अब चीन ने ऐसी चाल चली है कि भारत के ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के भविष्य पर ही खतरा मंडराने लगा है। चीन ने Neodymium-Iron-Boron Magnet का निर्यात रोक दिया है, जिससे भारत में वाहनों का उत्पादन ठप पड़ सकता है।

यहां होता है Neodymium-Iron-Boron Magnet का इस्तेमाल

दुर्लभ चुंबकीय धातु Neodymium-Iron-Boron Magnet का सबसे अधिक उत्पादन चीन ही ही करता है और इसे दुनिया भर के देशों में सप्लाई किया जाता है। इस दुर्लभ चुंबकीय धातु का उपयोग इलेक्ट्रिक वाहनों के साथ ही पारंपरिक वाहनों में भी बड़े पैमाने पर किया जाता है। इसका उपयोग मोटर, स्टीयिरिंग, ब्रेक, वाइपर और ऑडियो उपकरणों में भी किया जाता है।

चीनी हरकत से कंपनियां परेशान

China द्वारा निर्यात नियमों में बदलाव की वजह से Neodymium-Iron-Boron Magnet के शिपमेंट में देरी हो रही है और इससे भारतीय ऑटोमोबाइल कंपनियां परेशान हैं। कंपनियों का कहना है कि अगर जल्द ही आपूर्ति बहाल नहीं होती है तो वाहनों का उत्पादन ठप पड़ सकता है। बता दें कि चीन दुनिया के 90% से अधिक इस दुर्लभ चुंबकीय धातु का उत्पादन करता है।

चीन ने अप्रैल में नए नियम जारी किए हैं और इसके तहत तहत निर्यातकों को शिपिंग से पहले खरीदारों से सरकारी लाइसेंस और विस्तृत अंतिम उपयोग प्रमाणपत्र प्राप्त करने की बात कही है। यह प्रक्रिया पूरी करने के बाद भी Exporters को सप्लाई मिलने में काफी देरी का सामना करना पड़ रहा है।

भारतीय कंपनियों को नहीं मिली मंजूरी

Neodymium-Iron-Boron Magnet को लेकर रिपोर्ट्स की मानें तो भारत जाने वाली कई खेपें चीनी बंदरगाहों पर अटकी पड़ी हैं। कुछ यूरोपीय कंपनियों को तो एक्सपोर्ट की अनुमति मिल गई है लेकिन अभी तक भारतीय कंपनियों को इसकी मंजूरी नहीं मिली है।

इस समस्या को देखते हुए सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स और ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल चीन जाने की तैयारी में है। वहां पर चीनी अधिकारियों से बातचीत कर मामले को सुलझाने की कोशिश की जा जाएगी।

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