अमेरिका की कमान संभालने के बाद डोनाल्ड ट्रंप लगातार दुनिया भर के देशों को Trade Deal करने की धमकी दे रहे थे और कई देशों के साथ अमेरिका का टैरिफ वार चल रहा है। भारत पर भी अमेरिका ने टैरिफ लगाने की धमकी दी थी लेकिन दोनों देशों के बीच ट्रेड डील पर लंबे समय से बातचीत चल रही है।

इसकी डेडलाइन 9 July तय की गई है लेकिन अभी तक समझौते पर अंतिम मुहर नहीं लग सकी है। भारत का साफ कहना है कि वह अमेरिका के लिए अपने एग्रीकल्चर सेक्टर को नहीं खोल सकता है। आइए जानते हैं India-America Trade Deal में किन बातों पर पेंच फंसा हुआ है और किन मुद्दों पर सहमति बन गई है।

मिनी ट्रेड होने के हैं आसार

India-America Trade Deal में दोनों देशों के बीच कई मुद्दों पर सहमति बन गई है और कहा जा रहा है कि अलगे दो-तीन दिनों में दोनों के बीच मिनी ट्रेड डील हो सकती है। बता दें कि इसे मिनी ट्रेड डील इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि दोनों देश आने वाले सितंबर-अक्टूबर में होने वाले 43 लाख करोड़ रूपए के द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर ज्यादा फोकस कर रहे हैं।

Agriculture Sector में भारत नहीं देगा एंट्री

India-America Trade Deal में दोनों देशों के बीच कई मुद्दों पर सहमति बन चुकी है लेकिन भारत ने अमेरिका को अपने एग्रीकल्चर सेक्टर में एंट्री देने से साफ मना कर दिया है। इससे इतर अमेरिका का कहना है कि वह अपने जेनेटिकली मॉडिफाइड फसली उत्पादों को भारतीय बाजार में बेचना चाहता है।

हालांकि, भारत के कड़े रूख को देखते हुए अमेरिका ने इस मामले पर अपने कदम पीछे खींच लिए हैं और कृषि क्षेत्र में एंट्री के लिए प्रेशर न बनाने का निर्णय लिया है। दूसरी तरफ भारत लेबर इन्सेंटिव सेक्टर गारमेंट, जेम्स-जूलरी और लेदर प्रोडक्ट पर कम अमेरिका टैरिफ की मांग पर अडिग है।

India-America Trade Deal : धीरे-धीरे सामने आएगी डिटेल

India-America Trade Deal की डिटेल धीरे-धीरे सामने आएगी और इस पर मुहर लगते ही यह सार्वजनिक हो जाएगा। हालांकि, डील के जो 9 जुलाई की डेडलाइन तय की गई है, उसमें सभी प्रावधानों का सामने आना मुश्किल है। वजह कि चीन और ब्रिटेन के साथ भी हुई डील के प्राविधान भी अमेरिका ने सार्वजनिक नहीं किए थे।

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