नई दिल्लीः Central government ने जमाखोरी रोकने और बाजार में कीमतें स्थिर रखने के लिए थोक व्यापारियों और खुदरा विक्रेताओं के लिए गेहूं की स्टॉक सीमा लागू कर दी है। थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं, व्यापारियों, स्टॉकिस्टों और प्रसंस्करणकर्ताओं (Wholesalers, Retailers, Traders, Stockists, Processors) पर गेहूं की स्टॉक सीमा 31 मार्च, 2026 तक लागू रहेगी।
अगले साल से लागू होगा आदेश
Ministry of Food द्वारा 27 मई को जारी लाइसेंसिंग आवश्यकताओं, स्टॉक सीमाओं और निर्दिष्ट खाद्य वस्तुओं पर आवाजाही प्रतिबंधों को हटाने (संशोधन) आदेश सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए 31 मार्च, 2026 तक लागू रहेगा। इस आदेश के तहत प्रत्येक श्रेणी के लिए विशिष्ट मात्रा निर्धारित की गई है, जबकि उन्हें अगले 15 दिनों के भीतर निर्धारित सीमा से अधिक गेहूं का निपटान करने को कहा गया है।
Central government को देनी होगी पूरी जानकारी
Central government के आदेश के अनुसार अब थोक व्यापारी 3 हजार मीट्रिक टन गेहूं रख सकते हैं, जबकि खुदरा विक्रेताओं के लिए स्टॉक सीमा 10 मीट्रिक टन रखी गई है। मंत्रालय की ओर से जारी आदेश के अनुसार, सभी गेहूं भंडारण संस्थाओं को प्रत्येक शुक्रवार को गेहूं स्टॉक पोर्टल https://evegoils.nic.in/wsp/login पर स्टॉक की जानकारी देनी होगी, जिसे समय के साथ https://foodstock.dfpd.gov.in पर स्थानांतरित कर दिया जाएगा। गेहूं की स्टॉक स्थिति घोषित करना आवश्यक है।
होगी उचित कार्रवाई
यदि कोई संस्था पोर्टल पर पंजीकृत नहीं पाई जाती है या स्टॉक सीमा का उल्लंघन करती पाई जाती है, तो उसके खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा 6 और 7 के तहत उचित दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि देश में गेहूं पर्याप्त मात्रा में होने बाद भी कई बार कीमतें अस्थिर हो जाती हैं। इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह से हैं अनावश्यक जमाखोरी वो चाहे गेहूं की हो या किसी अन्य खाद्य पदार्थों की। इसी को रोकने लिए Central government अब नया नियम बनाने जा रही है
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