CCI Meta Fine: आज हर किसी के फोन में व्हाट्सएप एप्लीकेशन देखने को मिल जाएगा जो लोगों के लिए बहुत ही जरूरी हो चुका है. इसका इस्तेमाल लोगों द्वारा इसलिए भी ज्यादा किया जाता है क्योंकि यह बिल्कुल फ्री है और हमेशा फ्री रहने का वादा भी करता है, लेकिन मार्क जुकरमर्ग की कंपनी मेटा पर सीसीआई ने 213.14 करोड रुपए का भारी भरकम जुर्माना लगाया है.
आरोप ये है कि उसने अपने प्रभुत्व का दुरुपयोग किया है जबकि मेटा (CCI Meta Fine) द्वारा कहा गया है कि वह सीसीआई के निर्णय से काफी असहमत है.
CCI Meta Fine: ये है पूरा मामला
आपको बता दे कि मेटा पर जो 213.14 करोड़ का जुर्माना लगा है, वह 2021 में व्हाट्सएप प्राइवेसी अपडेट के संबंध में अनुचित व्यावसायिक तरीकों को अपनाने का लगाया गया है. यह जुर्माना इस बात से भी जुड़ा है कि 2021 में व्हाट्सएप की प्राइवेसी पॉलिसी को कैसे लागू किया गया, यूजर का डाटा कैसे जमा किया गया कि इसे मेटा (CCI Meta Fine) की अन्य कंपनियों के साथ कैसे साझा किया गया.
साथ ही साथ भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने यह भी आदेश दे दिया है कि अपने प्लेटफार्म पर अब व्हाट्सएप भारतीय यूजर के इकट्ठा किए गए डेटा को विज्ञापन के उद्देश्य से अन्य मेटा कंपनियों के साथ 5 साल तक शेयर नहीं कर सकता.
नहीं थोपी जाएगी शर्त
2021 के मार्च महीने से ही सीसीआई द्वारा व्हाट्सएप (CCI Meta Fine) की रिवाइज्ड प्राइवेट पॉलिसी की जांच शुरू की गई जिससे डाटा कलेक्शन का दायरा बडा़ किया और साथ-साथ मेटा और उसके दूसरे प्रोडक्ट के साथ डाटा शेयरिंग को आसान बनाया.
जनवरी 2021 में देखा गया था कि व्हाट्सएप ने यूजर को अपनी सेवा और प्राइवेसी पॉलिसी की अपडेट के बारे में जानकारी देना शुरू किया था और 8 फरवरी 2021 से लागू शर्तों को स्वीकार करना अनिवार्य किया था. हालांकि आयोग द्वारा यह भी बताया गया है कि व्हाट्सएप सर्विस का इस्तेमाल करने के लिए भारत में यूजर्स पर यह शर्त थोपी नहीं जाएगी कि उनके व्हाट्सएप डाटा को मेटा की दूसरी कंपनी या मेटा कंपनी उत्पादों के साथ साझा किया जाएगा.