भारत में बढ़ती महंगाई और दाल-खाद्य तेल की कमी को देखते हुए सरकार ने इन आवश्यक वस्तुओं के दाम कम करने और आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में ठोस कदम उठाए हैं। जल्दी ही इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते हैं। दाल और तेल की आपूर्ति में स्थिरता लाने के लिए सरकार ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई रणनीतियां अपनाई हैं, जिनसे घरेलू बाजार को राहत मिलने की उम्मीद है।
ब्राजील बना भारत का अहम साझेदार
दाल और खाद्य तेल की आपूर्ति को बेहतर बनाने के लिए भारत सरकार ने ब्राजील से सहयोग मांगा है। ब्राजील ने भारत को उड़द और खाद्य तेल की बड़ी खेप भेजने पर सहमति जताई है। इससे न केवल भारत के बाजार में इन उत्पादों की कमी पूरी होगी, बल्कि दाम भी घट सकते हैं।
भारत के राजदूत सुरेश रेड्डी ने जानकारी दी कि ब्राजील जैसे दक्षिण अमेरिकी देशों से आयात बढ़ाने से भारतीय बाजार में दाल और खाद्य तेल किफायती दामों पर उपलब्ध होंगे। यह पहल खासतौर पर भारतीय मध्यवर्ग के लिए राहत लेकर आएगी, जिनकी रसोई महंगाई से जूझ रही है।
आयात से दाम घटाने की तैयारी
भारत वर्तमान में अपनी जरूरत का लगभग 58% खाद्य तेल और 15% दाल आयात करता है। अब सरकार का फोकस ब्राजील से उड़द आयात करने पर है, क्योंकि ब्राजील उड़द का प्रमुख उत्पादक देश है। इससे न केवल दाल की गुणवत्ता और विविधता बढ़ेगी, बल्कि बाजार में दाम भी नियंत्रित रहेंगे।
अभी तक भारत इंडोनेशिया, मलेशिया, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, म्यांमार, मोजांबिक, मलावी और यूक्रेन से दालों का आयात करता रहा है। लेकिन ब्राजील का जुड़ना भारत के लिए एक बड़ा गेमचेंजर साबित हो सकता है।
वैश्विक प्रतिस्पर्धा से मिलेगी राहत
भारत सरकार का उद्देश्य है कि आयात के लिए विभिन्न देशों के बाजारों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ाई जाए, जिससे सस्ती और गुणवत्तापूर्ण आपूर्ति सुनिश्चित हो सके। इस पहल से घरेलू उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
ब्राजील से आयातित खाद्य तेल और दालों की उपलब्धता न केवल थाली का खर्च घटाएगी, बल्कि महंगाई से जूझ रहे परिवारों के लिए एक नई उम्मीद जगाएगी। सरकार के इन प्रयासों से भारतीय बाजार में स्थिरता और संतुलन लाने की कोशिश जारी है।
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