प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए एक और कदम बढ़ाते हुए आज 'बीमा सखी योजना' का शुभारंभ किया। इस योजना के तहत, 10वीं पास 18 से 70 वर्ष की महिलाओं को बीमा एजेंट के रूप में प्रशिक्षित कर उन्हें वित्तीय रूप से सशक्त बनाने की दिशा में काम किया जाएगा। यह योजना महिला सशक्तिकरण और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार के प्रयासों का हिस्सा है।

महिलाओं को मिलेगा प्रशिक्षण और आर्थिक संबल

'बीमा सखी योजना' के तहत पूरे भारत में एक लाख महिलाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है, जिनमें हरियाणा की 8,000 महिलाएं शामिल हैं। प्रशिक्षण प्राप्त करने वाली महिलाओं को पहले साल 7,000 रुपये, दूसरे साल 6,000 रुपये और तीसरे साल 5,000 रुपये का मासिक वजीफा दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, उन्हें बीमा जागरूकता और वित्तीय साक्षरता में भी प्रशिक्षित किया जाएगा। इस योजना के माध्यम से महिलाओं को एलआईसी एजेंट बनने का अवसर मिलेगा, जिससे वे वित्तीय रूप से स्वतंत्र और आत्मनिर्भर बन सकेंगी।

योजना का उद्देश्य ग्रामीण महिलाओं को रोजगार प्रदान करना और वित्तीय सहायता देकर उन्हें सशक्त बनाना है। बीमा सखियों को प्रशिक्षित करने के बाद, उन्हें एलआईसी एजेंट से लेकर डेवलपमेंट ऑफिसर बनने तक के अवसर दिए जाएंगे। इसके अलावा, उनके कार्य प्रदर्शन पर कमीशन का लाभ भी मिलेगा। योजना के तहत प्रधानमंत्री ने चयनित महिलाओं को नियुक्ति प्रमाण पत्र भी वितरित किए।

महिलाओं के लिए समर्पित योजना का विशेष महत्व

प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर कहा कि यह योजना महिला सशक्तिकरण की दिशा में भारत का एक मजबूत कदम है। उन्होंने इस दिन को विशेष बताते हुए कहा कि 9 अंक को शास्त्रों में शुभ माना गया है, जो इस योजना को और महत्वपूर्ण बनाता है।

इस कार्यक्रम में हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी सहित कई गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए। यह योजना प्रधानमंत्री के विकसित भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जिसमें महिलाओं को समाज की मुख्यधारा में लाने पर जोर दिया गया है। 'बीमा सखी योजना' महिला सशक्तिकरण के साथ-साथ रोजगार सृजन का भी उदाहरण है।

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