अडानी ग्रुप के चेयरमैन Gautam Adani पर अमेरिका में रिश्वत देने और धोखाधड़ी के गंभीर आरोप लगने के बाद उनके खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया गया है। यह घटनाक्रम अडानी ग्रीन एनर्जी की 600 मिलियन डॉलर की बॉन्ड डील को रद्द करने का कारण बन गया, जिससे अडानी ग्रुप की वित्तीय स्थिति पर बड़ा असर पड़ा।
Gautam Adani पर 250 मिलियन डॉलर की रिश्वत का आरोप
Gautam Adani और उनके भतीजे सागर अडानी पर आरोप है कि उन्होंने भारतीय सरकारी अधिकारियों को सौर ऊर्जा के कॉन्ट्रैक्ट्स हासिल करने के लिए 250 मिलियन डॉलर की रिश्वत दी। अमेरिकी अभियोजकों का दावा है कि यह रिश्वत 2020 से 2024 के बीच दी गई और इससे अडानी ग्रुप को संभावित रूप से अरबों डॉलर का लाभ हो सकता था। इन आरोपों के बाद अमेरिकी अदालत ने गौतम अडानी और सागर अडानी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया है।
यह मामला तब सामने आया जब अडानी ग्रीन एनर्जी ने अमेरिका में बॉन्ड के माध्यम से पूंजी जुटाने की योजना बनाई थी, लेकिन जांच की शुरुआत होते ही इस डील को रद्द कर दिया गया। अडानी ग्रुप ने इस मामले पर अभी तक कोई सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की है, लेकिन यह मामला उनके व्यापारिक साम्राज्य के लिए एक बड़ा झटका साबित हो रहा है।
शेयर बाजार में भारी गिरावट
अडानी ग्रुप के खिलाफ रिश्वत के आरोपों का असर उसके स्टॉक्स पर भी पड़ा है। 21 नवंबर 2024 को जब बाजार खुला, तो अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में लगभग 20 प्रतिशत तक की गिरावट देखी गई। प्रमुख कंपनियों जैसे अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी ग्रीन एनर्जी, अडानी टोटल गैस और अडानी पावर के शेयरों में तेज गिरावट आई। इसके साथ ही अन्य कंपनियों जैसे अंबुजा सीमेंट्स और एसीसी के शेयर भी नीचे गिर गए।
अड़ानी ग्रुप की छवि को पहुँचा नुक़सान
इस घटनाक्रम ने न केवल अडानी ग्रुप व Gautam Adani की छवि को नुकसान पहुंचाया है, बल्कि यह भारतीय उद्योगपतियों के लिए भी एक चेतावनी है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वित्तीय अनुशासन और भ्रष्टाचार के मामलों में गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
यह पूरी स्थिति अडानी ग्रुप के लिए नई मुश्किलों का कारण बन चुकी है, और इस मामले का असर न केवल उनके व्यापारिक साम्राज्य पर बल्कि भारतीय बाजारों पर भी देखने को मिल सकता है।
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