17 Jun, 2025
BY: Komalबेल (Wood Apple) एक पवित्र और औषधीय वृक्ष है, जिसका उल्लेख आयुर्वेद में कई रोगों के उपचार में किया गया है। इसके फल, पत्ते, जड़ और तने सभी औषधीय गुणों से भरपूर हैं।
इसका उपयोग योग, पाचन में सुधार, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है।
बक्सर के डॉ. अरुण कुमार के नेतृत्व में वैज्ञानिकों की एक टीम ने चूहों में स्तन कैंसर मॉडल पर बेल के फल का परीक्षण किया और पाया कि यह ट्यूमर के आकार को 79 प्रतिशत तक कम कर सकता है।
यूपी के वैज्ञानिकों ने बेलपत्र का अध्ययन किया और पाया कि यह अस्थमा, दस्त, इंसुलिन के स्तर, बालों की मजबूती और मां के दूध की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करता है।
बेलपत्र में विटामिन-ए, सी, बी6 के साथ कैल्शियम, फाइबर, पोटेशियम आदि पाए जाते हैं। इसके अलावा इसमें एंटीऑक्सीडेंट भी होते हैं। खाली पेट बेलपत्र खाने से मधुमेह के साथ रक्तचाप भी नियंत्रित रहता है और संक्रमण का डर नहीं रहता।
जो लोग अपच, पेट में जलन, कच्ची डकार जैसी पाचन समस्याओं से पीड़ित हैं, उनके लिए बेलपत्र फायदेमंद हो सकता है। इसमें फाइबर होता है, जो पेट के लिए फायदेमंद होता है।
सुबह खाली पेट इन पत्तों को चबाने से पेट की समस्याओं से राहत मिलती है। मधुमेह भले ही लाइलाज हो, लेकिन इसे नियंत्रित करके इससे होने वाली समस्याओं से राहत पाई जा सकती है।
बेलपत्र रक्त में शर्करा के स्तर को नियंत्रित करता है। ऐसे में बेलपत्र का नियमित सेवन रोगियों के लिए फायदेमंद हो सकता है। आपको इसका सेवन मौसम के हिसाब से करना चाहिए, जबकि सर्दियों में एक से अधिक बेलपत्र न खाएं।
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