AI Platform ChatGPT इस समय सबसे ज्यादा पॉपुलर AI प्लेटफार्म बन चुका है। लोग इसका हर काम में इस्तेमाल कर रहे हैं और इसके जरिए तमाम लोग हर महीने हजारों रुपए की कमाई भी कर रहे हैं। आज हम आपको AI Platform ChatGPT के बारे में ऐसी बात बताने वाले हैं, जिसे सुनकर आप हैरान रह जाएंगे। इस प्लेटफार्म को एक सवाल का जवाब देने में कई लीटर पानी पीना पड़ता है और भारी मात्रा में बिजली का भी इस्तेमाल होता है। आईए आपको इसकी पूरी डिटेल बताते हैं।
AI Platform ChatGPT : इतने लीटर पीता है पानी
वाशिंगटन पोस्ट और यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफ़ोर्निया रिवरसाइड रिपोर्ट की मानें तो जब आप ChatGPT से कोई सवाल पूछते हैं तो उसका जवाब तैयार करने में करीब 500 मिलीलीटर पानी खर्च होता है। मतलब एक सवाल के जवाब में करीब यह आधा लीटर पानी गटक जाता है। हालांकि, आप सोच रहे होंगे कि यह डायरेक्ट पानी पीता है लेकिन ऐसा नहीं है या AI को ठंडा रखने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
क्यों पड़ती है पानी की जरूरत
दरअसल AI Platform ChatGPT जैसे मॉडल को चलाने के लिए बड़े-बड़े कंप्यूटर सर्वर का इस्तेमाल किया जाता है, इन्हें डाटा सेंटर कहते हैं। यह सर्वर लगातार प्रोसेसिंग करते रहते हैं, इस वजह से इससे काफी ज्यादा गर्मी जनरेट होती है। ऐसे में इस गर्मी को कवर करने के लिए Data Centres को ठंडा रखना बेहद जरूरी होता है। इसी वजह से पानी का इस्तेमाल किया जाता है।
इतनी बिजली होती है खर्च
AI Platform ChatGPT जैसे प्लेटफार्म को चलने में सिर्फ पानी की जरूरत नहीं होती है, बल्कि इसके लिए काफी मात्रा में बिजली भी खर्च होती है। OpenAI का यह प्लेटफार्म जितना ज्यादा इस्तेमाल होता है, उतनी ही ज्यादा बिजली खर्च होती है।
हर दिन करोड़ों लोग ChatGPT का इस्तेमाल करते हैं, ऐसे में काफ़ी ज्यादा बिजली की खपत होती है। इससे पर्यावरण पर भी काफी बुरा असर पड़ता है, क्योंकि जहाँ बिजली कोयले या दूसरे सोर्स से बनाई जाती है, वहां पर इसका अधिक मात्रा में दोहन काफी घातक है।
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पर्यावरण को पहुंचा रहा नुकसान
AI Platform ChatGPT सहित अन्य प्लेटफार्म का काफी तेजी से इस्तेमाल बढ़ रहा हैं, जो कि पर्यावरण के लिए काफी घातक साबित हो सकता है। दुनिया के कई देशों में पानी कि कमी है, ऐसे में भारी मात्रा में पानी के खर्च से जल संकट खड़ा हो सकता है। अधिक बिजली खपत कि वजह से भी यह System पर्यावरण के लिए नुकसानदायक है।
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